आर्य समाज विवाह
आर्य समाज में जो विवाह होते हैं वे सभी हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत होते हैं। आर्य समाज आम तौर पर विवाहों की पंजिका रखते हैं और प्रमाणपत्र जारी करते हैं। विवाह के पूर्व यह भी जानकारी कर लेते हैं कि दोनों पक्ष विवाह के योग्य हैं या नहीं और विवाह दोनों की पूर्ण सहमति से हो रहा है अथवा नहीं। इस कारण से आर्यसमाज में संपन्न विवाह पूरी तरह से वैध है।
आर्यसमाज वे ही विवाह कराते हैं जो कि कानूनन वैध हों। वे दोनों की आयु के प्रमाण देखते हैं, आर्यसमाज देखते हैं कि विवाह सूत्र में बंधने जा रहे स्त्री-पुरुष दोनों में कोई ऐसा संबंध तो नहीं है जिस से विवाह अवैध हो जाए, यह भी देखते हैं कि उन में से कोई विवाह के अयोग्य नहीं है। इस तरह से एक हिन्दू विवाह के लिए आवश्यक सभी बातों को देखते हुए एक वैध विवाह संपन्न कराते हैं। विवाह के साक्षी भी होते हैं।आर्यसमाज अपने रजिस्टर में इन सब तथ्यों को अंकित करते हुए विवाह के बाद विवाह का प्रमाण पत्र जारी करते हैं। इस तरह यदि हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत सभी शर्तों को पूरा कराते हुए आर्य समाज मंदिर - विवाह संपन्न हुआ है तो उसे वैध ठहराने के लिए किसी अन्य प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं है।

Contact Persons-

SUMIT SHARMA
Email- Web.aryasamaj@gmail.com

RAJENDRA SINGH YADAV
प्रधान , आर्य समाज नगरा ,झाँसी

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