1. अपनें को मनुष्य बनाने का प्रयत्न करो, यदि इसमें सफल हो गए, तो हर काम में सफलता मिलेगी- पूज्य स्वामी सत्यपति जी
2. अपने विचार बदलें और अपना भविष्य सुन्दर बनाएँ. भविष्य ऐसा नहीं है, कि जिसकी हम प्रतीक्षा करें. यह तो कर्म से बनाना पड़ता है. उत्तम कर्म करें, आपका भविष्य सुन्दर हो जायेगा. आपके सुन्दर भविष्य के लिए शुभ कामनाएँ. -स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक..
3.खुश व्यक्ति को सब लोग पसंद करते हैं. दुखी व्यक्ति को कोई भी पसंद नहीं करता. इसलिए हमेशा खुश रहने का प्रयत्न करें. दुखी रहना मंहगा पड़ेगा. -स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक.
4.आनन्द को स्वयं तक सीमित रखेंगे, तो यह थोड़ा ही रहेगा. जब हम इसे बाँटेंगे, तो यह बढ़ता ही जाएगा. "आनन्द को बाँटें, सबको आनन्दित करें." यही मनुष्यता है. -स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक.
5.ईश्वर से न कहें, कि "समस्या कितनी विकट है".... समस्या से कह दें, कि " ईश्वर मेरे निकट है. जाओ, जाओ, तुम मेरा क्या बिगाड़ लोगी" ? -स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक
6.सृष्टि में ऐसा कौन मनुष्य होंगा जो सुख और दुःख को स्वयं न मानता हो ? क्या ऐसा कोई भी मनुष्य है की जिसके गले को काटे व रक्षा करे, वह दुःख और सुख का अनुभव न करे ? जब सब को लाभ और सुख में ही प्रसन्नता है, तब विना अपराध किसी प्राणी का प्राण वियोग करके अपना पोषण करना सत्पुरुषो के सामने निंदनीय कर्म क्यों न होवे ? सर्वशक्तिमान जगदीश्वर इस सृष्टि में मनुष्य के आत्माओ में अपनी दया और न्याय को प्रकाशित करे की जिससे यह सब दया और न्याय युक्त होकर सर्वदा सर्वोपकारक काम करे और स्वार्थपन से पक्षपातयुक्त होकर कृपापात्र गाय आदि पशुओ का विनाश न करे की जिससे दुग्ध आदि पदार्थो और खेती आदि क्रिया की सिद्धि से युक्त होकर सब मनुष्य आनंद में रहे --स्वामी दयानंद सरस्वती ---- गोकरुनानिधि )
Can I Plane Marriage in One Day or Prior Registration is Required.
ReplyDeletein this regard u have contact
ReplyDeleteRAJENDRA SINGH YADAV
प्रधान , आर्य समाज नगरा ,झाँसी
Phone-09415030366